Saturday, 13 January 2018

सच्ची कहानी

हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम गुलशन है। आज मै  आपको एक सच्ची भुत की कहानी बताने जा रहा हु। एक दिन की बात है।  मै और मेरा एक दोस्त प्रशांत घूम रहे थे।  तभी  नज़र अचानक एक कब्रिस्तान पर पड़ी। मैंने सोचा क्यों न एक बार कब्रिस्तान जाया जाये। मई आपको बता दू की मुझे भूतों  बिश्वास नहीं है। लेकिन मेरा दोस्त इन  को मंटा है। उस दिन जब मैंने कब्रिस्तान जाने की बात की तो उसने बहुत मना किया।  लेकिन मैंने नहीं माना क्यूंकि मुझे ये जानने का बहुत मन हो रहा था की सच में बहुत भूत होते हैं या नहीं।  तभी उसके जिद करने पर तो मै  कब्रिस्तान नहीं गया पर  लिया था की आज रात जरूर जाऊंगा। फिर हम दोनों अपने अपने घर चले गए।  रात होते ही मय घर से निकल गया कब्रिस्तान घूमने क लिए।  जैसे ही मैंने कब्रिस्तान में अंडर पैर रखा तेज़ हवा लगी। मुझे दर नहीं लगा मई और अंडर चला गया।  वहां अजीब अजीब से आवाज सुनाई देने लगी।  मैंने सोचा मेरे कान बाज़ रहे हैं। जैसे जैसे मई अंडर जाता चला गया।  वहां क उजले धुँवे में फास्ट चला गया। मई काफी अंडर घुस चूका था।  मुझे अजीब अजीब से आवाज सुनाई दे रही थी।   हूउउउउउउउउ हूउउउउउ हुआआआआआ हसने की आवाज सुनाई दे रही थी।  हहहहहहहहह।  मुझे व् अब  थोड़ा दर लगने लगा था। तभी मई सोचा की अब यहाँ रहना ठीक नहीं है।  मई वहां से वापस आने क लिए जैसे ही मुरा पीछे अचानक से मेरे आगे एक सफ़ेद साड़ी में औरत दिखी और फिर पल भर में गायब हो गयी।  मई बहुत दर गया। जड़ली जल्दी भागने लगा। तभी ऐसा लगा की किसी  पेअर पाकर लिए हैं। मई मुँह के बल गिर गया। मुझे बहुत चोट आयी।  जैसे मई उठने का कोसिस किया मुझे किसी ने पीछे की ओर खींचा।  तभी मैंने किसी बाबा को अपनी ओर आते देखा। वो कुछ  बोलते हुए आ रहे थे। उनके आते ही भूतों ने मुझे आजाद कर दिया। बाबा मुझे अपने साथ रात भर रखा और फिर सुबह होते ही घर गया। बाबा ने मुझे फिर वहां आने से मना भी किया।


                                                दोस्तों ये थी मेरे जिंदगी की एक सच्ची कहानी। इसके साथ ही अलविदा लेता हु। फिर मुलुंगा अपने किसी नए इंट्रेस्टिंग कहानी के साथ। 

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